सिन्धु गति सभ्यता / हड़प्पा सभ्यता
सिन्धु घाटी सभ्यता / हड़प्पा सभ्यता
सिन्धु घाटी सभ्यता की खोज :- सिन्धु घाटी सभ्यता को सबसे पहले 1826 ई में 'चार्ल्स मेसर्न ' नामक व्यक्ति ने देखा और कहा कि इन टीलो के नीचे रहस्यमय वस्तु है। 1856 ई में जॉन बार्टन और विलियम बार्टन दो इंजीनियर भाइयों ने अमृतसर से लाहौर रेल लाइन के लिये हड़प्पा के टीलो से कच्ची ईंटे निकल कर उनका प्रयोग किया । इस रेलवे लाइन बिछाने का नेतृत्व ए. कनिगम कर रहा था, इसी कारण ए. कनिगम ने टीलो के नीचे इंटो की अधिकता को देखकर 1875 ई. में हड़प्पा के टीलो का सर्वे किया।
एलेक्सेंडर कनिगम के प्रयासों से 1904 में लार्ड कर्जन ने कोलकाता में पुरातात्विक विभाग की स्थापना की। इस विभाग का पहला डायरेक्टर जनरल कनिगम को बनाया गया ।
1920 में पुरातात्विक विभाग के निदेसक सर जॉन मार्शल को बनाया गया , जिन्होंने दयाराम साहनी के नेतृत्व में हड़प्पा टीलो की खुदाई का कार्य शुरू करवाया । 1921 में सर्वप्रथम इस सभ्यता का उत्खनन हड़प्पा नामक स्थान पर किया , इसी कारण इसे ' हड़प्पा सभ्यता ' भी कहा जाता है ।
नदी /सागर के तट पर स्थित प्रमुख नगर :-
1) हड़प्पा - रावी नदी 2) मोहनजोदड़ो - सिन्धु नदी
3) रोपड़ - सतलज नदी 4) लोथल - भोगवा नदी
5) बालाकोट - अरब सागर 6) कालीबंगा - घग्घर नदी
हड़प्पा - हड़प्पा नामक स्थल पाकिस्तान के पंजाब प्रांत में स्थित है। यह रावी नदी के किनारे स्थित है
ऋगवेद मे निम्न नादियों का उल्लेख प्राप्त है-
नदी प्राचीन नाम
घग्घर / सरस्वती नदीतमा
व्यास विपाशा
रावी परुष्णी
गंडक सदानीरा
सतलज शतुद्री
चिनाब अस्किनी
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